फरीदाबाद। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण पूरा देश ठप रहा। उद्योग-धंधे भी बंद थे। अब हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कुछ उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए हैं। इससे उद्योगों में हड़कंप मच गया है। उद्यमियों ने नोटिसों के कारण रोष भी है।
Faridabad: Stirring industries due to notice of pollution control board
पिछले तीन महीने से कोरोना संक्रमण के कारण देश में गतिविधियां ठप रहीं।
डेढ़ महीना तो सख्त लॉकडाउन में बीता।
पिछले एक महीने से सीमित गतिविधियों की अनुमति दी गई है।
मंदिर और होटल आदि इंडस्ट्री अभी भी पूरी तरह ख्ुाली नहीं हैं।
कंटेनमेंट जोन में किसी प्रकार की गतिविधि की इजाजत नहीं है।
जो काम-धंधे खुले हैं, उनमें तमाम औपचारिकताओं के कारण पूरी गति से काम नहीं हो पा रहा है।
कैसी परमीशन, लोगों को अपना होश नहीं
कोरोना काल के कारण कई उद्योग प्रबंधक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी का नवीनीकरण नहीं करवा पाए हैं।
अब ऐसे उद्योगों को बोर्ड ने चिन्हित करके टारगेट करना शुरू कर दिया है।
कुछ उद्योगों को नोटिस भी दिए गए हैं।
जबकि दुनिया-जहान को पता है कि कोरोना के कारण लोगों को अपना होश नहीं था, तो परमीशन कौन रीन्यू करवाता।
जुर्माना नाइंसाफी है
मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद के महासचिव रमणीक प्रभाकर ने बताया कि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 90 दिन पहले पॉल्यूशन रीन्यू न होने पर कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। उद्योगों से जुर्माना भी मांगा जा रहा है, जो नाइंसाफी है।
प्रभाकर ने कहा कि हम सभी बल्कि पूरा देश कोविड-19 पैनडैमिक के दौर से गुजर रहे हैं। सभी की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है। ऐसे में प्रशासन का कड़ा रुख ठीक नहीं है। इसमें सुधार की अत्यंत आवश्कता है।
प्रभाकर ने कहा कि बड़ी देर के बाद अब उद्योग खुले है। उन्हें पटरी पर आने में वक्त लगेगा। ऐसे में पेनल्टी लगाकर नोटिस भेजना ठीक नहीं है। इसलिए बोर्ड निवेदन है कि पेनल्टी माफ की जाए और एनओसी लेने के लिए 6 माह का समय दिया जाए।
एसोसिएशन के पूर्व प्रधान नरेश वर्मा ने कहा कि उद्योग मार्च, 2020 से मई, 2020 के आखिरी सप्ताह तक कोविड-19 पैनाडमिक के कारण बंद रहे। मजदूरों की उपस्थिति अभी तक सिर्फ 50 प्रतिशत है। संबंधित तकनीकी व्यक्ति उपलब्ध नहीं हैं। लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इसलिए विलंब शुल्क माफ किया जाए।
अब एसोसिएशन ने बोर्ड के पंचकूला, चंडीगढ़ और फरीदाबाद कार्यालयों को पत्र लिखकर रियायत की मांग की है।
प्रभाकर ने उम्मीद जताई कि इस समस्या का समाधान जल्द निकलेगा और फरीदाबाद के उद्योगपतियों का इसका लाभ मिलेगा, जिससे वे भी बिना विलंब किये आवेदन कर सकेंगे।